भारत में ऐसे कई गांव हैं जिनके बारे में अजीबोगरीब कहानियां
भारत में कई गांव हैं जिनके बारे में अजब गजब कहानियां हैं और लोग इन गांवों को इन्हीं अजीबोगरीब रहस्यों से जाना जाता है।
हिमाचल प्रदेश शहर जितना अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण जाना जाता है उतना ही यहां की परंपराओं के कारण भी प्रसिद्व है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में इस दूरदराज इलाके में मलाणा गांव हैं जिसके बारे में अजीबोगरीब कहानी है। देश भर में एक यहीं गांव है जहां अकबर की पूजा होती है। यहां कोई कानून नहीं माना जाता है बल्कि गांव ने ही अपने कानून बना रखे हैं। गांव की ही एक संसद है जो सारे फैसले लेती है। इस गांव में किसी बाहरी आदमी के छूने की मनाही है। मतलब, कोई दूसरे शहर या गांव का शख्स यदि यहां के किसी आदमी को छूता है तो उस पर एक हजार का जुर्माना ठोक दिया जाता है और ये जुर्माना उस बाहरी शख्स से लिया जाता है जो छूता है।
उत्तरप्रदेश में एक गांव की पूरी दुनिया में चर्चाएं है। यह गांव अपनी एक खासियत की वजह से पूरे देश में पहचाना जाता है। इस गांव का नाम है सलारपुर खालसा जो अमरोहा जनपद के जोया विकास खंड क्षेत्र का एक छोटा सा गांव है। इस गांव की जनसंख्या 3500 है। इस गांव के टमाटर सबसे ज्यादा प्रसिद्व है। बताया जाता है कि इस गांव में टमाटर की खेती बडे पैमाने पर होती है। देश का शायद ही कोई कोना होगा, जहां पर सलारपुर खालसा की जमीन पर पैदा हुआ टमाटर न जाता हो।
राजस्थान के जैसलमेर में भी एक गांव भुतहा है जिसका नाम कुलधरा गांव है। वैसे तो ये टूरिस्ट स्पॉट है लेकिन भूतों के भय से 170 साल से वीरान पडा है। रात को यहां कोई नहीं आता है। कहते हैं यहां पालीवाल ब्राह्मणों की आवाजें सुनाई देती हैं।\
पंजाब के जालंधर शहर उप्पलां नाम से एक गांव है। इस गांव की सबसे खास बात यह है कि गांव के लोगों की पहचान पानी की टंकियों से जाना जाता है। यहां के मकानों की छतों पर आम वाटर टैंक नहीं है, बल्कि यहां पर शिप, हवाई जहाज, घोडा, गुलाब, कार, बस आदि अनेकों आकर की टंकिया है। इस गांव के अधिकतर लोग पैसा कमाने लिए विदेशों में रहते है। गांव में खास तौर पर एनआरआईज की कोठियां में छत पर इस तरह की टंकिया रखी है। अब कोठी पर रखी जाने वाली टंकियों से उसकी पहचानी जा रही हैं।
केरल के मलप्पुरम जिले में कोडिन्ही नाम से एक गांव है। जहां जुडवा जोडे बडी तादाद में है। इसे ट्विंस विलेज के नाम से जाना जाता है। विश्वस्तर पर एक हजार बच्चों में चार जुड़वां होते हैं लेकिन यहां ये प्रतिशत काफी ज्यादा है। यहां एक हजार बच्चों में 45 बच्चे जुडवां होते हैं।
कर्नाटक के शिमोगा शहर के दस किलोमीटर दूर एक गांव है जिसका नाम है मुत्तुरू गांव। इसगांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते हैं। बच्चों की सारी शिक्षा दीक्षा संस्कृत में ही की जाती है
साईं बाबा के दरबार से तो सब परिचित हैं। इनके पास ही है शनि शिंगणापुर, जो महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पडता है। यहां शनि का प्रसिद्ध मंदिर हैं। इस गांव में कभी चोरी नहीं होती है। इसलिए गांव के किसी घर में दरवाजे नहीं होते। कहा जाता है कि शनि देव गांव की रक्षा करते हैं।
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